21 Shresth Kahaniya Ramesh Pokhriyal Nishank (21 श्रेष्ठ कहानियाँ रमेश पोखरियाल निशंक) (en Hindi)
Reseña del libro "21 Shresth Kahaniya Ramesh Pokhriyal Nishank (21 श्रेष्ठ कहानियाँ रमेश पोखरियाल निशंक) (en Hindi)"
भारत के हिंदी के श्रेष्ठ कथाकारों की 21 श्रेष्ठ कहानियां, लेखक ने स्वयं चुन कर दी हैं। इस शृंखला में हिंदी के सभी प्रसिद्ध लेखकों की रचनाएँ छापी गई हैं। कहानियों के ये संकलन लेखक की भाषा, भावना और साहित्य को स्थापित करता है। डॉ. निशंक का व्यक्तित्व और कृतित्व अत्यंत सहज है। पर्वतीय परम्पराओं, रीति-रिवाज और मानवीयता से भरपूर उनकी लोकहितकारी सोच उनकी सभी कहानियों की रीढ़ हैं। वह सच्चे मायनों में उत्तराखण्ड के बाशिंदे हैं। उनकी किसी न किसी रचना में पहाड़ का जिक्र न हो, हरिद्वार का उल्लेख न आये, नदियों का नाम न आये, गढ़वाल-कुमायूँ और हिमालय की पीड़ा न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। इस कहानी संग्रह में जीवन के अलग-अलग रंगों और आयामों से जुड़ी 21 कहानियाँ हैं। इन्हें इस उद्देश्य से चुना गया है कि पाठक पर्वतीय लोगों की सोच, परम्पराओं, समस्याओं, अनुभूतियों, जीवन की विवशताओं और पीड़ाओं के साथ ही उनकी सरलता, सहजता, मृदुशीलता, प्रखरता, श्रमशीलता और ईमानदारी का भी अनुभव कर सकें। जैसे इस कहानी संग्रह में पहली कथा 'बस एक ही इच्छा' का पिथौरागढ़ निवासी नायक विक्रम होटल का बैरा है, जो अनेक विवशताओं के बावजूद किसी की सहायता की सोच रखता है। 'नयी जिंदगी' एक दुर्व्यवसनी के प्रायश्चित का शब्दचित्र है। 'राधा', 'अहसास' तथा 'मनीआर्डर' और 'चक्रव्यूह' में पति-पत्नी के आपसी संबंधों, परिवार के प्रति दायित्वों की समझ की सार्थकता तथा 'क्या नहीं हो सकता', 'बहारें लौट आयेंगी', 'संकल्प' और 'दीनू' निरंतर सत्कर्म करने की प्रेरणा देने वाली कथाएं हैं।