'मेवाड़ के महाराणा' पुस्तक भारत के गौरवशाली इतिहास पर एक महत्वपूर्ण शोध ग्रन्थ है। भारत के गौरवशाली हिंदू इतिहास के वीर योद्धाओं के साथ किस प्रकार खिलवाड़ करते हुए छल - प्रपंच और षड़यंत्रात्मक शैली में उनके पराक्रम, शौर्य और वीरता को छुपाने का प्रयास किया गया है - उस सारे घालमेल का सही ढंग से भंडाफोड़ करने में यह पुस्तक सफल रही है। मेवाड़ के महाराणा इसी प्रकार के द्वेषात्मक घालमेल के शिकार हुए। जिनकी वीरगाथा को इतिहास में वह स्थान नहीं दिया गया, जिसके वह पात्र थे।'भारत को समझो' अभियान के अंतर्गत भारत के युवाओं को जगाने का काम कर रहे पुस्तक के विद्वान लेखक डॉ. राकेश कुमार आर्य का जन्म 17 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जनपद के महावड़ नामक ग्राम में हुआ। जिनकी अब तक 67 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। डॉ आर्य इतिहास के अनछुए पृष्ठों को उजागर करते हुए हिंदू इतिहास के वीर योद्धाओं और क्रांतिकारियों को इतिहास में उनका समुचित स्थान दिलाने के लिए कृत संकल्पित हैं।इस पुस्तक के अध्ययन से यह पूर्णतया स्पष्ट हो जाता है कि भारत को समझने के लिए वर्तमान में प्रचलित इसके इतिहास के हर पृष्ठ पर बिखरी उस काली स्याही को साफ करने की आव