Main Sai Baba Bol Raha Hoon (en Hindi)

Priya, Parul · Prabhat Prakashan Pvt Ltd

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Reseña del libro

श्री साईं बाबा के माता-पिता, उनके जन्म और जन्मस्थान के बारे में किसी को भी ज्ञान नहीं है। इस संबंध में बहुत छानबीन की गई। बाबा से तथा अन्य लोगों से भी इस विषय में जानकारी ली गई, परंतु कोई संतोषप्रद उत्तर अथवा सूत्र हाथ न लग सका। नामदेव और कबीरदास का जन्म भी सामान्य लोगों की भाँति नहीं हुआ था। वे बालरूप में प्रकृति की गोद में पाए गए थे और ऐसा ही साईं बाबा के संबंध में भी था। वे शिरडी में नीम वृक्ष के तले सोलह वर्ष की तरुणावस्था में भक्तों के कल्याणार्थ प्रकट हुए थे। वे कफनी पहनते, लँगोट बाँधते और कपड़े के एक टुकड़े से सिर ढकते थे। वे आसन तथा शयन के लिए एक टाट का टुकड़ा काम में लाते थे। इस प्रकार फटे-पुराने चीथड़े पहनकर वे बहुत संतुष्ट प्रतीत होते थे। वे सदैव यही कहा करते थे-'गरीबी अव्वल बादशाही, अमीरी से लाख सवाई, गरीबों का अल्लाह भाई।' मानवता, करुणा, परोपकार, पारस्परिकता व जनकल्याण का अनुपम संदेश देनेवाले शिरडी के साईं बाबा के अनमोल वचन और अमर वाणी का प्रेरणाप्रद संकलन।

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