Maa ( ) (en Hindi)

Gorky, Maxim · Diamond Books

Ver Precio
Envío a todo Argentina

Reseña del libro

''हम क्रान्तिकारी हैं और उस समय तक क्रान्तिकारी रहेंगे जब तक इस दुनिया में यह हालत रहेगी कि कुछ लोग सिर्फ हुक़्म देते हैं और कुछ लोग सिर्फ़ काम करते हैं। हम उस समाज के ख़िलाफ हैं जिनके हितों की रक्षा करने की आप जज लोगों को आज्ञा दी गयी है। हम उसके कट्टर दुश्मन हैं और आपके भी और जब तक इस लड़ाई में हमारी जीत न हो जाय, हमारी और आपकी कोई सुलह मुमकिन नहीं है। और हम मजदूरों की जीत यकीनी है!* आपके मालिक उतने ताकतवर नहीं हैं जितना कि वे अपने आपको समझते हैं। यही सम्पत्ति जिसे बटोरने और जिसकी रक्षा करने के लिए वे अपने एक इशारे पर लाखों लोगों की जान कुर्बान कर देते हैं, वही शक्ति जिसकी बदौलत वे हमारे ऊपर शासन करते हैं, उनके बीच आपसी झगड़ों का कारण बन जाती है और उन्हें शारीरिक तथा नैतिक रूप से नष्ट कर देती हैं। सम्पत्ति की रक्षा करने के लिए उन्हें बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ती है। असल बात तो यह है कि आप सब लोग, जो हमारे मालिक बनते हैं हमसे ज़्यादा गुलाम हैं। हमारा तो सिर्फ़ शरीर गुलाम है, लेकिन आपकी आत्मायें गुलाम हैं । आपके कंधे पर आपकी आदतों और पूर्व-धारणाओं का जो जुआ रखा है उसे आप उतारकर फेंक नहीं सकते। लेकिन हमारी आत्मा पर कोई बंधन नहीं है। आप हमें ज

Opiniones del Libro

Opiniones sobre Buscalibre

Ver más opiniones de clientes